भारत के विभिन्न स्थानों पर जन्माष्टमी मनाने के विविध तरीके जानें- Easyhindi.in

भारत के विभिन्न स्थानों पर जन्माष्टमी मनाने के विविध तरीके जानें- Easyhindi.in

भारत के विभिन्न स्थानों पर जन्माष्टमी मनाने के विविध तरीके:- भारत की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में कई पौराणिक कथाएँ और धार्मिक उत्सव शामिल हैं। इनमे से एक है, जन्माष्टमी, जो की भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। भारत के हर शहर में जन्माष्टमी का आयोजन अलग-अलग तरीके से किया जाता है, जो उनके स्थानीय परंपराओं को उजागर करता है। यहां हम जानेंगे कि भारत के कुछ महत्वपूर्ण शहरों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव को किस तरह से मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023, बुधवार को बड़े ही धूमधाम से मनाई जायेगी। आप भी इस दिन भक्ति भाव से कृष्ण जन्माष्टमी 2023 को अपने लिए कुछ ख़ास बना सकते है।

इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन को ले कर लोगों में संशय है कि कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को पड़ेगी या 7 सितंबर को, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को 3:37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को 4:14 बजे समाप्त होगी। इस लेख में, हम देखेंगे कि भारत के कुछ प्रमुख शहरों में जन्माष्टमी और इसकी महत्वपूर्ण परंपराएँ कैसे मनाई जाती हैं।

वृंदावन, भगवान कृष्ण की नगरी:

भगवान कृष्ण के जन्मस्थल के रूप में वृंदावन प्रसिद्ध है। लाखों भक्त भगवान कृष्ण के जन्मदिन का महत्व समझने के लिए यहाँ पर जन्माष्टमी के उत्सव के लिए सामिल होते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर वृंदावन के मंदिरों में पूजा, आरती, भजन-कीर्तन और रासलीला होती है। यहां भगवान कृष्ण की विशेष पूजा भी की जाती है, और भक्तजन अपने आपको भाग्यशाली समझते है, की वो वृन्दावन की धरती पे आये है।

मथुरा: जन्माष्टमी पर विशेष: (Mathura)

मथुरा नगरी को भगवान कृष्ण के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है। इस शहर में भी जन्माष्टमी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मथुरा के मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण की बड़ी धूम धाम से पूजा की जाती है और उनके भक्तों का एक बड़ा समुदाय आता है। मथुरा में जन्माष्टमी को खास तरीके से मनाया जाता है, जिससे आसपास के इलाकों से भी लोग आते हैं।

See also  Hindi Diwas 2023 | जानें हिंदी दिवस कब, क्यों, कैसे, मनाया जाता हैं?

Also Read: Easy Krishna Janmashtami Decoration Ideas At Home

गुजरात का धार्मिक नगर, द्वारका: (Dwarka)

द्वारका, गुजरात के पश्चिमी तट पर भगवान कृष्ण का निवास माना जाता है। द्वारका में जन्माष्टमी का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण मंदिर, द्वारका में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना होती है, और भक्तगण इस त्योहार को खास रूप से मनाते हैं। द्वारका के समुद्र तट पर भगवान कृष्ण का जन्मस्थल देखकर जन्माष्टमी का आयोजन और भी अलग हो जाता है, और इस उत्सव को देखने के लिए लोग बड़ी दूर दूर से आते है

ये भी पढ़ें: CREATIVE DECORATION IDEAS FOR JANMASHTAMI

मथुरा वृंदावन और नंदगाँव: (Mathura Vrindavan Or Nandganv)

मथुरा, वृंदावन और नंदगाँव क्षेत्र भगवान कृष्ण के बचपन के स्थानों के रूप में प्रसिद्ध हैं, और यहाँ जन्माष्टमी के उत्सव बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन शहरों में जन्माष्टमी के दिन बच्चे भगवान कृष्ण के रूप में सजाए जाते हैं। यह एक बड़े आकर्षण का केंद्र बनता है और लोग इसे देखने के लिए विशेष रूप से आते हैं। भगवान कृष्ण के जन्मस्थानों पर भी यात्राएं होती हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष 06 सितंबर 2023 को देर रात भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल के स्वरूप की पूजा की जाएगी। अगर आप गृहस्थ जीवन की बात करे तो 06 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाई जायेगी तथा मंदिरों में 06 सितंबर 2023 और 07 सितंबर 2023 को दोनों दिन जन्माष्टमी मनाई जायेगी।

कृष्ण जन्माष्टमी शुभकामनाएं स्टेटस

मथुरा और गोकुल में श्रीकृष्ण की लीला: Mathura Or Gokul Me Krishana Leela

भगवान कृष्ण की बचपन की लीलाओं के स्थानों के रूप में मथुरा और गोकुल प्रसिद्ध हैं। यहां आप जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की लीलाओं का साक्षात्कार कर सकते हैं। कृष्ण का जन्म गोकुल में जन्माष्टमी के दिन नंद बाबा के घर में होता है, जहां बच्चे कृष्ण के रूप में खेलते हैं।

See also  शिक्षक दिवस पर भाषण | Teachers Day Speech in Hindi | Teacher Day 10 Lines

जन्माष्टमी कब है? व क्यों मनाई जाती हैं?

मनिपुर में रासलीला: Manipur Me Rasleela

यह छोटा सा राज्य मनिपुर जन्माष्टमी के उत्सव को अद्वितीय ढंग से मनाता है। यहां भगवान कृष्ण और गोपियाँ मिलकर रास रचते हैं। इसके अलावा, जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान कृष्ण का जन्मदिन खुशी से मनाते हैं और उनकी पूजा और आरती करते हैं।

जन्माष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए | व्रत धारण एवं पारण विधि, व्रत कथा

बाल गोविंद की पूजा-मुंबई: Mumbai Me Bal Govind Ki Pooja

मुंबई जैसे शहरी क्षेत्रों में भी जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ बच्चे भगवान कृष्ण के छोटे-छोटे रूपों में खेलते और उनकी पूजा करते हैं। वह भगवान कृष्ण के छोटे रूप को “बाल गोविंद” कहते है और उनकी पूजा अर्चना करते हुए जन्माष्टमी का त्योहार बड़े उत्साह से मानते है। 

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं शायरी

जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर: Jaipur Me Govind Devji Ka Mandir

राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी जन्माष्टमी का विशेष उत्सव मनाया जाता है। यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति गोविंद देवजी मंदिर में है। लोग जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की आरती और पूजा करने आते हैं। यहाँ पर जन्माष्टमी का उत्सव देखते ही बनता है, ऐसा लगता है की मानो भगवान् श्री कृष्ण खुद अपना जन्मदिन मानाने आये हो।

कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई सन्देश, पोस्टर

वाराणसी: धार्मिक कार्यक्रमों का केंद्र: Varanshi

वाराणसी, भारत की सबसे पवित्र नगरों में से एक, अद्वितीय धार्मिक उत्सवों का घर है। जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान कृष्ण की मूर्ति की आरती और पूजा करते हैं। वाराणसी के घाटों पर भी लोग अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।

दिल्ली में आरती और भजन की सभा: Dilhi Me Aarti Or Bhajan Kirtan

दिल्ली, भारत की राजधानी, भी जन्माष्टमी बड़े उत्साह से मनाती है। इस दिन लोग विभिन्न मंदिरों में भगवान कृष्ण की पूजा और आरती करने आते हैं। दिल्ली में कई स्थानों पर भजन-कीर्तन की महासभाएं होती हैं, जहां लोग भगवान कृष्ण के गुणों की प्रशंसा करते हैं। छोटे छोटे बच्चे श्री कृष्ण का रूप लेते है जो की जन्माष्टमी के दिन का एक महत्वपूर्ण भाग है।

See also  Navratri Shayari 2023 | नवरात्रि पर लेटेस्ट शायरी पढ़े और शेयर करें

कृष्ण जन्माष्टमी कोट्स

कोलकाता -बाल मंदिर:

कोलकाता में भी जन्माष्टमी का उत्सव बड़े चाव से मनाया जाता है। यहाँ पर भगवान कृष्ण की मूर्ति उषा-बाल मंदिर में है। इस मंदिर में लोग भगवान का जन्मदिन खुशी से मनाते हैं और उसे पूजा और आरती करते हैं। इस साल कोलकाता में जन्माष्टमी 2023 का विशेष आयोजन किया जा रहा है, आप भी इस कार्यक्रम में भाग ले कर अपने आप को आनंदित महसूस करवा सकते है।

पुणे (Pune) : धार्मिक प्रस्तावना:

मुंबई की तरह पुणे भी एक बिजी शहर है, परन्तु यहाँ पर भी जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा और आरती की जाती है। लोग कुछ दिन पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट जाते है। विशेष रूप से इस दिन लोग भगवान के जन्मदिन की प्रस्तावना करने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने आते हैं।

भारत की धार्मिकता उसकी विविधता और समृद्धि का एक बड़ा हिस्सा है, और जन्माष्टमी जैसे त्योहार इसे और भी रंगीन और मनोरम बनाते हैं। भगवान कृष्ण के जन्मदिन को मनाने का तरीका भारत की विविधता को दिखाता है और लोगों की धार्मिक भावनाओं को बढ़ाता है। यह त्योहार भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव का एक हिस्सा है, और अलग-अलग शहरों में इसका आयोजन अद्वितीय तरीकों से किया जाता है।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Optimized with PageSpeed Ninja