
जन्माष्टमी पर कविता:- भगवान कृष्ण जन्म का त्योहार जन्माष्टमी के रूप में पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को और खूबसूरत तरीके से मनाने के लिए लोग (Krishna Janmashtami Kavita) कृष्ण जन्म पर कविता, शायरी, कोट्स, अलग-अलग जगहों पर प्रस्तुत करते है। अगर आप भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य जगहों पर कृष्ण जन्म पर कविता प्रस्तुत करने वाले हैं तो हमने कुछ बेहतरीन कविताओं की सूची आपके समक्ष इस लेख के जरिए प्रस्तुत करने का प्रयास किया है उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।
भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था उन्होंने बचपन से ही विभिन्न प्रकार के करामात किए जिससे मानव समाज का उद्धार हुआ इसके बाद आज उनके जन्म के अवसर पर जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है अगर आप कृष्ण जन्म पर कविता की तलाश कर रहे हैं तो नीचे दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें –

कृष्ण जन्म कविता | Krishna Janmashtami Poem
कृष्ण जन्म पर कुछ खूबसूरत कविताओं की सूची नीचे सरल शब्दों में प्रस्तुत की गई है जिनका इस्तेमाल विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य जगहों पर कर सकते है –
मात यशोदा गोद में लेकर
कान्हा का माथा चूमे
सारा गोकुल जश्न मनाता
सब भक्ति में झूमें,
बलराम के जीवन में आया
उसका है प्यारा भाई
बधाई हो बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई
दर्शन पाने की खातिर
कितने ही लोग हैं आये
जो भी करे है दर्शन
उसका जन्म सफल हो जाए,
जन्म दिया है देवकी ने
पालेंगी यशोदा माई
बधाई हो बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई।

जब-जब पाप बढ़ा है
जब भी बढ़ा है अत्याचार
तब-तब प्रभु ने मेरे
लिया है एक अवतार,
धरती माँ हुयी प्रसन्न कि
अब है कंस की मृत्यु आई
बधाई हो बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई।
Poem On Janmashtami in Hindi
यमुना हुयी आनंदित
आनंदित हुयी है सारी गैया
गोकुल में खेलने आया है
सारे जग का रचैया,
जब भी कोई विपदा आती
होता है वही सहाई
बधाई हो बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई।
बाजे ढोल मृदंग हैं देखो
बाजी है शहनाई,
बधाई हो बधाई
जन्मे हैं कृष्ण कन्हाई।
जन्माष्टमी पर कविता | Janmashtami Par Kavita
हर गली हर मुंडेर हर छप्पर हर नुक्कड़ पर
आज शोर है, माखन चोर नंद किशोर का
जन्मोत्सव है, जय जयकारा का लगा है नारा
लाडला कन्हैया बड़ा है प्यारा
हर चैनल ‘लाइव’ दिखाता है
घर बैठे मथुरा, काशी, दिल्ली-मुंबई
की सैर कराता है इस्कान से लेकर
बिड़ला मंदिर तक की कथा

सुनाता है, दिखाता है भइया कलयुग है
कितनों का व्यापार टिका, कितनों को काम मिला है
सजी मिठाइयों की दुकानें, चमचम करते रसगुल्ले
पेड़े, कलाकंद, बालूशाही, सबसे प्यारी रसमलाई
कितनों ने तो व्रत रखा है, चलो एक दिन नहीं खायेंगे
प्रभु स्तुति में रम जायेंगे, अपना-अपना सोचना है
बोना है और काटना है, इसी बहाने सभी रमे
कृष्ण भक्ति में लगे हैं
नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री
सोहत कैसे हरा टटकौ, सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री
को ‘रसखान कहै अटक्यो, हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री
रूप अनूपम वा नट को, हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री
॥ जय जय श्री राधे !
कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता | Janmashtami Poem in Hindi
कृष्ण जन्माष्टमी पर बहुत सारी खूबसूरत कविताएं लिखी गई हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। अगर आप कृष्ण जन्माष्टमी की कविताओं का इस्तेमाल विभिन्न जगहों पर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
नन्हे कन्हैया छोटी दंतिया दिखाए
पग घुंघरू बजाए प्यारी मुरली सुनाये
मोर पंख मस्तक पर सुन्दर सजाये
दूध दही सम्भालो मटकी फोड़न को आये
कदंब के झूलों में वृन्दावन की गलियों में
कन्हैया को ढूँढ़ते माँ यशोदा खूब बौराए
गोवर्धन उठाने को गोपियों संग महारास को
कालिया के मर्दन को कंस के संहार को
गीता के पाठ को घर घर गुंजाने को
कन्हैया छिप छिप के आये
कन्हैया मंद मंद मुस्काये
कन्हैया जग में हैं आए
कन्हैया कण कण समाये

तरसी यशोदा, सुन सुन कान्हा
अबके मेरे घर भी आना
अंगना सूना आंखें सूनी
इनमें ख्वाब कोई भर जाना
कितना ढूंढू कित कित ढूंढू
किधर छुपे हो मुझे बताना
ममता माखन लिए खड़ी है
आकर इसको अधर लगाना
मेरे कान हैं तरसे लल्ला
तू मुझको अम्मा कह जाना
देवकी ने जन्म दिया
यशोदा मैया ने पाला ,रे गोपाला …
कारागृह में जन्म हुआ
वसुदेव का वो लाला ,रे गोपाला….
लीला करता नित्य नई वो
यशोदा मैया का लाला ,रे गोपाला…
माटी खाये ब्राम्हांड दिखाये
नटखट बड़ा है नंदलाला ,रे गोपाला…
माखन चुराता ग्वाल बाल संग
वंशी बजाने वाला, रे गोपाला…
धैनु चराता वन वन जाता
मुरली बजाने वाला ,ये गोपाला….
कृष्ण कन्हैया रास रचैया,
गोपियों के मन को हरने बाला,रे गोपाला…
गोपियो के वस्त्र चुराता सबक सिखाता,
ऐसा है वो ब्रजवाला,रे गोपाला…

कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े कुछ आवश्यक प्रश्न (FAQ)
Q. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कब मनाया जाएगा?
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त 2022 को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी का अभिजीत मुहूर्त कब से है?
कृष्ण जन्माष्टमी का अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त रात 12:05 से 12:58 तक है।
Q. कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कैसे करें?
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा भगवान कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा करके करते है। जन्माष्टमी के दिन उनके बाल स्वरूप की पूजा बांसुरी और माखन के साथ की जाती है।
निष्कर्ष
कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल बड़े हर्षोल्लास के साथ भारतवर्ष में मनाया जाता है। आज इसलिए के जरिए जन्माष्टमी के त्यौहार को और भी बेहतर तरीके से मनाने और शुभकामनाएं बांटने के लिए हमने जन्माष्टमी की कविताओं को आपके समक्ष प्रस्तुत किया। इस लेख में हम ने विभिन्न प्रकार के कृष्ण जन्म पर कविता आपके समक्ष रखी, अगर उन कृष्ण जन्माष्टमी कविताओं की सूची आपको अच्छी लगी है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें साथी अपने सुझाव विचार है किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले।
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