Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त, मकर संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है और जनवरी के महीने में आता है। यह हिंदू कैलेंडर का एकमात्र त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है परंतु 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति एक त्यौहार है जिसे पूरे भारत में विभिन्न समुदायों द्वारा अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। पंजाब राज्य और आस-पास के क्षेत्रों से संबंधित हिंदू और सिख इसे “लोहड़ी” के रूप में मनाते हैं; आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसे “पेड्डा पांडागा” के नाम से जाना जाता है; तमिलनाडु में यह त्यौहार “पोंगल” के रूप में मनाया जाता है और असम में इसे “माघ बिहू” कहा जाता है। व्यापक भाषाई और सांस्कृतिक भिन्नताओं के साथ, इतने सारे अलग-अलग समुदायों द्वारा मनाया जाना; “मकर संक्रांति भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को प्रकट करती है। हिंदू धर्म में कोई भी त्यौहार शुभ मुहूर्त के अनुसार ही मनाया जाता है तभी जाकर त्यौहार का शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसे में मकर संक्रांति 2024 में किस शुभ मुहूर्त के अनुसार मनाया जाएगा उसके बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो आज के लेख में Makar Sankranti Shubh Muhurat 2024 के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे आर्टिकल पर बने रहिएगा चलिए जानते हैं-
Makar Sankranti 2024 Shubh Muhurat- Overview
टाइटल | मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त |
साल | 2024 |
कब है मकर संक्रांति 2023 | 15 जनवरी |
मकर संक्रांति दिन | सोमवार |
मकर संक्रांति शुभ मूहुर्त कब शुरु होगा | सुबह 7 बजकर 15 मिनट |
मकर संक्रांति शुभ मूहुर्त कब खत्म होगा | रात 7 बजकर 46 मिनट |
मकर संक्रांति देव | सूर्य |
मकर संक्रांति महापुण्य मुहूर्त | 7 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 9 बजे तक |
मकर संक्रांति के दिन किसका महत्व होता है | तिल और गुड़ का |
मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)
Makar Sankranti भारत देश में मनाएं जाने वाला बहुत ही प्रमुख्य त्यौहार है। जब सूर्य की गति उत्तरायण होती हैं उस समय कहा जाता है कि सूर्य की किरणों से अमृत की बरसात होती है। Makar Sankranti के शुभ अवसर पर गंगा में स्नान और दान पुण्य की अपनी ही महत्वता है। मकर संक्रांति के दिन तिल गुड्ड की भी महत्वता है। माना जाता है कि इस दिन तिल, घी, गुड का दान करना बहुत शुभ होता है। यह त्यौहार पूरे India में मनाया जाता है। भारत में अलग अलग नाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है, कहीं इसके संकारात कहा जाता है तो कही उत्तारायण तो कही पोगंल और बिहू।
इस त्योहार को मनाने की विधि और रीतियां भी सभी जगह अलग होती हैं। उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति ही Hindi Religion का सिर्फ एक ऐसा त्योहार है जिसकी तारीख 14 और 15 फरवरी तय होती है, लेकिन इस बार १५ को मनाई जायेगी वहीं अन्य त्यौहार की तारीख तय नहीं रहती है। मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान से लेकर दान तक का शुभ मुहूर्त होता है। साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त सुबह 7:15 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 46 मिनिट तक रहेगा।
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मकर संक्रांति पर्व | Makar Sankranti Festival 2024
मकर संक्रांति एक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह अपने आकाशीय पथ पर सूर्य के मकर राशि में संक्रमण का प्रतीक है। यह त्यौहार हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है और देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत के कई हिस्सों में मकर संक्रांति को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह सर्दियों के मौसम के अंत और रबी फसलों की कटाई की शुरुआत का प्रतीक है। लोग पतंग उड़ाकर, मिठाइयाँ बांटकर और नदियों में पवित्र स्नान करके जश्न मनाते हैं।भारत के कुछ हिस्सों में, मकर संक्रांति को सूर्य देव की पूजा से भी जोड़ा जाता है। इस दिन मंदिरों को सजाया जाता है और सूर्य की विशेष पूजा की जाती है।मकर संक्रांति से जुड़े सबसे दिलचस्प अनुष्ठानों में से एक है। सूर्य देव को तिल-गुड़ (तिल और गुड़ का मिश्रण) चढ़ाना, ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। गुजरात में लोग जमीन पर रंग-बिरंगी रंगोली बनाकर भी जश्न मनाते हैं। मकर संक्रांति का सांस्कृतिक महत्व भी है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह पौष महीने के अंत और माघ की शुरुआत का प्रतीक है। इसे धार्मिक गतिविधियों और दान कार्यों के लिए भी शुभ समय माना जाता है।
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त कब है?
Makar Sankranti Shubh Muhurat: मकर संक्रांति हर साल January के माह में आने वाला Hindu’s का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन दान करने से पुराने जन्मों के पापों का नाश होता है। वहीं इस दिन पूजा से लेकर दान शुभ मुहूर्त में किए जाते है। साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी रविवार के दिन मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार 14 जनवरी 2023 की रात को 8 बजकर 21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके चलते 15 जनवरी को उदया तिथि पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। सुबह 7 बज कर 15 मिनिट शाम 7 बजकर 46 मिनिट तक मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा।
वहीं मकर संक्रांति का महापुण्य काल का समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 9 बजे तक रहेगा। गौरतलब है कि मकर संक्रांति के दिन एक खास संयोग बन रहा है। इन दिन रोहिणी नक्षत्र, चित्रा के साथ ब्रह्म योग बन रहा है, इसके साथ ही 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। गौरतलब है कि पहले से ही बुध और शनि ग्रह इस राशि में विराजमान है। जिसके कारण त्रिग्रही योग बन रहा है, जो कि कई राशियों के लिए अच्छा बताया जा रहा है, तो कुछ राशियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
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मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं? Makar Sankranti Kyon Manai Jaati Hai
मकर संक्रांति संक्रांति का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस शुभ दिन पर, सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है जो सर्दियों के महीनों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। यह माघ महीने की शुरुआत है. मकर संक्रांति के दिन से, सूर्य अपनी उत्तर दिशा या उत्तरायण यात्रा शुरू करता है। इसलिए इस पर्व को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देशभर के किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं। देश के कई क्षेत्रों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से मनाया जाता है। भारत के दक्षिण में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इसे पोंगल, पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है, हालांकि लोहड़ी संक्रांति से पहले मनाई जाती है, असम में माघ बिहू और उत्तर प्रदेश और बिहार में खिचड़ी के नाम से मनाई जाती है।गुजरात प्रसिद्ध पतंगबाजी कार्यक्रम की मेजबानी करता है जब विशाल परिवार भाग लेने के लिए अपने विभिन्न घरों की छत पर इकट्ठा होते हैं। मकर संक्रांति का त्यौहार सभी लोगों के बीच सद्भाव और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए मनाई जाती है।
मकर संक्रांति स्नान शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)
Makar Sankranti के दिन तिल का बहुत महत्व होता है। वहीं इस दिन स्नान को भी महत्वपूर्ण मनाया गया है। स्नातन धर्म के मुताबिक संक्रांति, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन Ganga स्नान का खास महत्व और विधान है। मकर संक्रांति में शुभ मुहूर्त में स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष को प्राप्ती होती है। मकर संक्रांति सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर शुरु हो जाएगी यानि तब ही से शुभ मुहूर्त शुरु हो जाएगा। श्रद्धालुओँ को चाहिए कि वह सूर्योदय से पहले ना धो के तैयार हो जाए। इस दिन तिल का उबटन लगाकर नहाया जाता है। वहीं इन दिन लोग नदियों और तलाबों में स्नान आदि के लिए जाते है। लोग मकर संक्रांति के दिन बड़ी संख्या में Gangasagar में डूबकी लगाते है, इसके साथ ही Prayagraj के संगम में भी लोग नहाने पहुंचते है।
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त कब शुरू होगा
- मकर संक्रांति पूजा मुहूर्त
Makar Sankaranti के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति पूजा मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। Lord Sun की पूरा आपको दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक पूरी कर लेनी होगी क्योंकि शुभ मुहूर्त तब ही तक है। मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से सूर्य देव अति प्रसन्न होते है और अपने भक्तों की सारी समस्याओं को हर लेते है। इसके साथ ही उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते है। सूर्य भगवान को जल चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है। जल में लाल फूल, लाल चंदन, थोड़ा थोड़ा तिल और गुड मिलाकर सूर्य देव को अर्घ दें। इसके साथ ही कई लोग मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव के लिए Fast भी रखते है।
मकर संक्रांति समय और दिनांक | Makar Sankranti Date | Makar Sankranti Time
मकर संक्रांति 2024 में 15 जनवरी सोमवार को पूरे देश भर में मनाया जाएगा भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति अलग रीति रिवाज और विभिन्न नाम से मनाया जाता है इस दिन सभी लोग गंगा स्नान कर भगवान सूर्य देव की पूजा आराधना करते हैं ताकि भगवान सूर्य की विशेष कृपा उनको प्राप्त हो सके। नीचे हम आपको मकर संक्रांति की तारीख और समय का विवरण प्रदान कर रहे हैं:-
सूर्योदय | 15 जनवरी 2024 सुबह 7:14 बजे |
सूर्यास्त | 15 जनवरी 2024 शाम 5:57 बजे |
Sankranti Moment | 15 जनवरी 2024 2:45 पूर्वाह्न |
Punya Kaal Muhurta | 15 जनवरी, सुबह 7:14 बजे – 15 जनवरी, दोपहर 12:36 बजे |
Maha Punya Kaal Muhurta | 15 जनवरी, 7:14 पूर्वाह्न – 15 जनवरी, 9:02 पूर्वाह्न |
मकर संक्रांति मुहूर्त | Makar Sankranti Muhurat
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 2024 में क्या होगा उसके बारे में पूरी जानकारी हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं चलिए जानते हैं-
मकर संक्रांति 2024 पुण्य काल मुहूर्त: 15 जनवरी, सुबह 7:14 बजे – दोपहर 12:36 बजे (अवधि: 5 घंटे 22 मिनट)
महा पुण्य काल मुहूर्त: 15 जनवरी, सुबह 7:14 बजे – सुबह 9:02 बजे (अवधि: 1 घंटे 48 मिनट)
संक्रांति क्षण: 15 जनवरी, 2:45 पूर्वाह्न
मकर संक्रांति उत्सव | Makar Sankranti Celebration
मकर संक्रांति पूरे भारत में कई तरह से मनाई जाती है। जश्न मनाने का सबसे आम तरीका पतंग उड़ाना है! परिवार और दोस्त सभी आकृतियों और आकारों की पतंगें उड़ाने के लिए एकत्रित होते हैं। आकाश पतंग से भर जाता है क्योंकि लोग यह देखने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं कि कौन अपनी पतंग को सबसे अधिक समय तक हवा में रख सकता है। इस त्यौहार को मनाने का एक और लोकप्रिय तरीका पारंपरिक मिठाइयों और व्यंजन बनाए जाते हैं जिसमें प्रमुख तौर पर तिल के लड्डू (तिल के गोले), गजक (तिल के बीज से बनी एक प्रकार की कैंडी), और पोंगल (चावल का एक व्यंजन) शामिल हैं। कई परिवार पवित्र नदियों या झीलों में डुबकी भी लगाते हैं, ताकि पिछले जन्म के सभी पाप आपके धुल जाएं
मकर संक्रांति पर किसकी पूजा होती है?
मकर संक्रांति के दिन सूर्य Capricorn राशि में प्रवेश करते है। मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य देव का त्योहार है। इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते है। सूर्य देव की पूजा के लिए तांबे के लोट में जल लेकर सूर्य देव को चढ़ाना चाहिए। तांबे के लोटे में लाल फूल, लाल चंदन, थोडा तिल और थोड़ा गुड मिलकर सूर्य देश को चढ़ाया जाता है। वहीं सूर्य देव के लिए भक्तों द्वारा उपवास भी रखा जाता है। सूर्य देव को जब पूजा सामग्री के जल चढ़ाएं तो तांबे के ही बर्तन में जल गिराएं और उस जल को पौधों में डाल दें।
सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए इन मंत्रों को बोलें:-
ऊं घृणि सूर्यआदित्याय नम:।
ऊं सूर्याय नम:।
ऊं सूर्याय नम:।
ऊं भानवे नम:
ऊं सवित्रे नम:।
ऊं मरिचये नम:।
मकर संक्रांति पर क्या करना चाहिए?
- मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है। इस दिन Gangasagar में भी मेला लगता है। इस दिन नदियों में स्नान करने का पुण्य हजार गुना बढ़ जाता है।
- मकर संक्रांति के दिन Lord Sun की पूजा पाठ करने के साख ही Charity का भी बहुत महत्व है।
- इस दिन तिल गुड़ रेवड़ी का भी Charity किया जाता है। इस दिन जरुरतमंदों को दान देना अति पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन तिल, गुड़, कंबल, घी, वस्त्र और खिचडी का दान किया जाता है।
- इस दिन पित्रो का तर्पण करना भी शुभ होता है। इस दिन पितरों और पितरों के देव अर्यमा के निमित्त तर्पण काभी शुभ माना जाता है।
- वहीं इस दिन सूर्य पुत्र शनि देव की तिल और तेल से पूजा करने पर उनकी कृपा बनी रहती है।
- इस दिन से नए कार्य भी शुरु किए जाते है, जो कि बहुत शुभ होते है।
Conclusion:
उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में
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FAQ’s मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त
Q. मकर संक्रांति 2024 में कौन से दिन मनाई जाएगी ?
Ans. 15 जनवरी
Q. मकर संक्रांति के दिन क्या क्या किया जाता है ?
Ans. सूर्य देव की पूजा, स्नान, दान, नय कार्य की शुरुआत
Q. मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान क्यों किया जाता है ?
Ans. इस दिन नदी में स्नान करने का पुण्य हजार गुण बढ़ जाता है
Q. मकर संक्रांति के दिन कहां लोग सबसे ज्यादा स्नान करने पहुंते है?
Ans. गंगासागर (पश्चिम बंगाल)
Q . मकर संक्रांति 2024 में कब मनाया जाएगा?
Ans. मकर संक्रांति 2024 में 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा।
Q. मकर संक्रांति के दिन कहां लोग सबसे ज्यादा स्नान करने पहुंते है?
Ans. मकर संक्रांति के दिन सबसे अधिक स्नान करने के लिए लोग गंगासागर पहुंचते हैं जो भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित हैं।
Q. मकर संक्रांति महा पुण्य काल कब से कब तक रहेगा?
Ans. मकर संक्रांति महा पुण्य काल – प्रातः 07:10 बजे से प्रातः 09:01 बजे तक रहेगा