Swami Vivekananda Essay in Hindi:- स्वामी विवेकानंद को संयुक्त राज्य अमेरिका (United Nation America) में 1893 की विश्व धर्म संसद में उनके महत्वपूर्ण भाषण (Speech) के लिए जाना जाता है, जिसमें उन्होंने America में Hindu Religion का परिचय दिया और धार्मिक सहिष्णुता और कट्टरता को समाप्त करने का आह्वान किया था। Swami Vivekananda को नरेंद्रनाथ दत्त के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे। 12 जनवरी के पूरे देश में Swami Vivekananda राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के तौर पर मनाया जाएगा। Swami Vivekananda jayanti पर हम आपके लिए इस लेख के जरिए निबंध लेकर आए है। इस लेख में आपको स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के बारे में सारी जानकारियां देंगे। इस निबंध में हमने स्वामी विवेकानंद पर निबंध हिंदी में ,Essay on Swami Vivekananda in Hindi Swami Vivekananda Essay in Hindi, स्वामी विवेकानंद पर निबंध 250 शब्द (Swami Vivekananda Essay in 250 words), स्वामी विवेकानंद पर निबंध 100 शब्द (Swami Vivekananda Essay in 100 Words) इन सभी बिंदूओं पर तैयार किया है। स्वामी जी के बारे में और जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।
Essay on Swami Vivekananda in Hindi
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स्वामी विवेकानंद पर निबंध हिंदी में
Swami Vivekananda India में एक आध्यात्मिक नेता और एक हिंदू भिक्षु (Hindu Monk) थे। वे उच्च विचार और सादा जीवन व्यतीत करते थे। स्वामी जी महान सिद्धांतों और धर्म परायण व्यक्तित्व वाले एक महान दार्शनिक थे। वह रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और उनके दार्शनिक कार्यों में राजयोग और आधुनिक वेदांत शामिल हैं। Kolkata में रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के संस्थापक थे। भारत में हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के रूप में राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (Chicago) में धर्म संसद में हिंदू धर्म प्रस्तुत किया, जिसने उन्हें काफी प्रसिद्ध बना दिया।
टाइटल | स्वामी विवेकानंद पर निबंध हिंदी में |
लेख प्रकार | निबंध |
साल | 2023 |
स्वामी विवेकानंद का जन्म | 12 जनवरी 1863 |
स्वामी विवेकानंद जन्म स्थान | कोलकाता |
स्वामी विवेकानंद बचपन का नाम | नरेंद्र दत्ता |
स्वामी विवेकानंद मृत्यु | 1902 |
स्वामी विवेकानंद कौन से मिशन के संस्थापक थे | रामकृष्ण मिशन |
स्वामी विवेकानंद जयंती किस नाम से मनाई जाती है | राष्ट्रीय युवा दिवस |
स्वामी विवेकानंद किस के गुरु कौन थे | रामकृष्ण परमहंस |
स्वामी विवेकानंद पर निबंध 250 शब्द
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
Swami Vivekananda का जन्म ब्रिटिश सरकार (British Government) के दौरान 12 जनवरी 1863 को Kolkata में नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त एक वकील थे, वह बंगाली परिवार से थे। माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था, जो मजबूत चरित्र, गहरी भक्ति के साथ अच्छे गुण वाली महिला थी। स्वामी जी ने 1984 में Kolkata University से Graduation की पढ़ाई पूरी की। विवेकानंद का जन्म योग प्रकृति के साथ हुआ था इसलिए वे हमेशा ध्यान करते थे, जिससे उन्हें मानसिक शक्ति प्राप्त होती थी। उन्होंने इतिहास, संस्कृत, बंगाली साहित्य और पश्चिमी दर्शनशास्त्र सहित विभिन्न विषयों में ज्ञान प्राप्त किया। उन्हें भगवत गीता, वेद, रामायण, उपनिषद और महाभारत जैसे हिंदू शास्त्रों का गहरा ज्ञान था। स्वामी जी एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जिन्हे संगीत, अध्ययन, तैराकी और जिमनास्टिक का ज्ञान था।
रामकृष्ण परमहंस से मुलाकात
Swami Vivekananda भगवान को देखने और भगवान के अस्तित्व के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक थे। जब वे दक्षिणेश्वर में रामकृष्ण से मिले तो उन्होंने पूछा कि क्या उन्होंने भगवान को देखा है? रामकृष्ण ने स्वामी जी के पूर्व कर्मों को देखते हुए कहा कि हां उन्होंने भगवान को देखा है, वैसे ही जैसे मैं तुम्हें देख रहा हूं। Ramkrishna Paramhans ने बताया कि भगवान हर इंसान के भीतर मौजूद है। स्वामी जी ने रामकृष्ण से दीक्षा ली और उन्हें अपना गुरु बनाया और यहीं से एक आध्यात्मिक यात्रा शुरू हुई। जब उन्होंने सन्यास की दीक्षा ली तब वह 25 वर्ष के थे और उनका नाम Swami Vivekananda रखा गया।
बाद में अपने जीवन में उन्होंने रामकृष्ण मिशन (Ramkrishna Mission) की स्थापना की, जो धर्म, जाति और पंथ के बावजूद गरीबों और संकट ग्रस्त लोगों को सुरक्षित सामाजिक सेवा (Secure social service) प्रदान कर रहा है। 1893 में Chicago में आयोजित विश्व धर्म संसद में विवेकानंद जी ने भाग लिया और विश्व प्रसिद्ध भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने “अमेरिका के भाइयों और बहनों” के रूप में संबोधित कर सभी का दिल जीत लिया। स्वामी जी का प्रसिद्ध वाक्य है ” उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए”।
स्वामी विवेकानंद पर निबंध 100 शब्द
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु
Swami Vivekananda ने 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ में अंतिम सांस ली। उन्होंने घोषणा की कि वह 40 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंचेंगे। उन्होंने 39 वर्ष की आयु में अपना नश्वर सभी छोड़ दिया और “महासमाधि” प्राप्त की। लोगों ने कहा कि वह 31 बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने India के भीतर और बाहर Hindu Religion का प्रसार किया।
स्वामी विवेकानंद जयंती कैसे मनाई जाती है?
इस दिन India के हर एक स्कूल और विश्वविद्यालयों में Swami Vivekananda के दिए गए भाषण और मोटिवेशनल स्पीच (Motivational Speech) का आयोजन किया जाता है। हर सरकारी विभाग में उनकी फोटो और मूर्तियों पर माल्यार्पण करके इस दिन Youth Day के रूप में मनाया जाता है। युवाओं को विवेकानंद जी के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है। उनके भाषण और मोटिवेशनल स्पीच से लोगों में एक नई चेतना का जागरण होता है। निराश व्यक्ति भी एक अलग तरह की ऊर्जा से भर जाता है। इस दिन स्कूल कॉलेजों में तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं। लोगों को वेदांत की दीक्षा दी जाती है।
FAQ’s Swami Vivekananda Essay in Hindi
Q. स्वामी विवेकानंद कौन है?
Ans. स्वामी विवेकानंद भारत में एक आध्यात्मिक नेता और एक हिंदू भिक्षु थे। वे महान दार्शनिक थे।
Q. स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम क्या था?
Ans. नरेंद्रनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम था।
Q. स्वामी विवेकानंद के गुरु कौन थे?
Ans. रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के गुरु थे।
Q. स्वामी विवेकानंद का जन्म कब और कहां हुआ था?
Ans. स्वामी जी का जन्म कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था। वे बंगाली परिवार से थे।
Q. रामकृष्ण मठ, बेलूर मठ और रामकृष्ण मिशन के संस्थापक कौन थे?
Ans. स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मठ, बेलूर मठ और रामकृष्ण मिशन के संस्थापक थे।