Lal bahadur shastri Biography -लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत देश के दूसरे प्रधानमंत्री एवं एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। जब भारत देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मृत्यु हुई तो भारत के लोगों के लिए एक बड़ा प्रश्न उठकर आया कि भारत की सत्ता कौन संभालेगा ? तब उस समय के गृह मंत्री के तौर से पहचाने जाने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी को देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया गया।इन्होंने 1964 से लेकर 1966 तक प्रधानमंत्री के कार्यकाल को काफी ईमानदारी के साथ निभाया था। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन आदर्श के साथ-साथ संघर्षपूर्ण भी था क्योंकि इन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्होंने भारत कि आजादी के लिए अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी थी। स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा होने के कारण इनको पहली बार 17 साल की उम्र में जेल भी जाना पड़ा था। इनके ईमानदारी एवं जीवन संबंधित कई प्रकार के किस्से काफी प्रेरणादायक है। इनकी मृत्यु 11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुई थी।लेकिन इनकी मृत्यु का कारण आज तक रहस्य बना हुआ है। जैसे कि आप लोगों को पता है प्रत्येक वर्ष 11 जनवरी को इनको श्रद्धांजलि देने के लिए इनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। ठीक इसी प्रकार 2024 साल में 11 जनवरी को इनकी पुण्यतिथि मनाई जाएगी, ऐसे में लोगों के अंदर Lal Bahadur Shastri in Hindi, about Lal Bahadur Shastri in Hindi, लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी, Lal Bahadur Shastri history, Lal Bahadur Shastri death एवं essay on Lal Bahadur Shastri संबंधित जानकारी जानने की इच्छा होती है। तो लिए हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान कर रहे हैं इसलिए आप लोग इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय (Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi)
जन्म (Birthday Date) | 2 अक्टूबर 1904 |
जन्म स्थान (Birth Place) | मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम (Father Name) | शारदा प्रसाद श्रीवास्तव |
माता का नाम (Mother Name) | रामदुलारी देवी |
राजनीतिक पार्टी ( Political Party) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) |
आंदोलन | भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन |
प्रसिद्ध नारा (famous Slogan) | जय जवान जय किसान |
मृत्यु ( Death) | 11 जनवरी, 1966 |
स्मारक( statue) | विजय घाट, नई |
Lal Bahadur Shastri in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। भारत के स्वतंत्रता में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी। भारत देश को स्वतंत्र कराने में इनको कई बार जेल भी जाना पड़ा था। भारत के स्वतंत्र होने के बाद इन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। 1951 में संचार मंत्री के रूप में और 1956 में गृह मंत्री के रूप में अपनी सेवा दी थी। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी को सन 1964 में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और उनके ही कार्यकाल में सन 1965 में भारत एवं पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें उनके नेतृत्व में भारत की जीत हुई थी। इसके अलावा भी इनके नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में प्रगति की थी। उन्होंने भारत देश को प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लाल बहादुर शास्त्री जी को शांति का पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। उनका एक नारा जय जवान जय किसान आज भी भारत में काफी लोकप्रिय है। सन 1966 में इनको का देश का सबसे बड़ा पुरस्कार भारत रत्न से पुरस्कृत किया गया था।
लाल बहादुर शास्त्री कौन थे? Lal Bahadur Shastri Kon The ?
Lal Bahadur Shastri :- लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। 9 जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966 तक वह प्रधानमंत्री के पद पर कार्य थे हम आपको बता दे कि अपने 18 महीने के कार्यकाल में उन्होंने देश के विकास के लिए जिस प्रकार का काम किया है शायद ही कोई प्रधानमंत्री कर पाया होगा उनके प्रधानमंत्री जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि 1965 का भारत-पाक युद्ध है | जिसमें उन्होंने अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति और सूझबूझ से भारत को युद्ध में जीत दिलाया था हालांकि लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 में ताशकंद में हार्ट अटैक आने की वजह से हुआ था | लेकिन उनके मौत के पीछे भी एक रहस्य था | क्योंकि उनकी पत्नी का मन था | कि उन्हें जहर देकर मारा गया था | जो कि अभी तक साबित नहीं हुआ है।
About Lal Bahadur Shastri in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री के बारे में जानकारी निम्न रूप से प्रदान की जा रही है जिसे आप लोग पढ़ सकते हैं:-
- लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था और उनकी मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुआ था।
- लाल बहादुर शास्त्री जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे।
- इन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत का दूसरा प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल संभाला था।
- सन 1965 कि भारत एवं पाकिस्तान का युद्ध उनके नेतृत्व में हुआ था जिसमें इन्होंने भारत को जीत दिलाई थी।
- इन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठिन से कठिन कदम उठाए थे।
- लाल बहादुर शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान का एक नारा’ दिया था जो आज के समय भी काफी लोकप्रिय है।
- लाल बहादुर शास्त्री जी को ‘शांति का पुरुष’ के नाम से भी जाना जाता है।
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लाल बहादुर शास्त्री का आरंभिक जीवन | Lal Bahadur Shastri Early Life
Lal Bahadur Shastri Wiki Bio in Hindi: लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के समीप स्थित मुगलसराय में हुआ था | उनके पिता का नाम सदा प्रसाद श्रीवास्तव था | और माता का नाम रामदुलारी था | उनके पिता शिक्षक थे। बचपन से ही लाल बहादुर शास्त्री के अंदर देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर रही थी। उन्होंने गांधीजी को अपना आदर्श माना था और गांधी जी विचारधारा से काफी प्रभावित हुए थे। यही वजह थी कि जब वह दसवीं में पढ़ाई करते थे | तब गांधी जी ने स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से अनुरोध किया था कि युवा अपनी पढ़ाई छोड़कर गांधी जी के द्वारा संचालित असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हो जिसके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी पढ़ाई छोड़कर गांधी जी का आंदोलन में शामिल हो गए इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था | हम आपको बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री क्रांतिकारी विचारधारा के बहुत बड़े समर्थक थे उनके अंदर संघर्ष और त्याग की भावना कूट-कूट कर भरी थी।
Lal Bahadur Shastri Jivan Parichay (Family) – Overview
पिता का नाम | श्याम प्रसाद श्रीवास्तव |
माता का | रामदुलारी |
बहन का नाम | – |
पत्नी का नाम | ललिता देवी |
बच्चों का नाम | दो पुत्रियाँ-कुसुम व सुमनचार पुत्र – हरिकृष्ण, अनिल, सुनील व अशोक। |
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लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी (Lal Bahadur Shastri Wikibio)
अक्टूबर 1904 को श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से रेलवे शहर मुगलसराय में हुआ था, जो वाराणसी से सात मील की दूरी पर स्थित है। लाल बहादुर शास्त्री के पिता एक शिक्षक थे। जिनका निधन तब हो गया जब वह मात्र डेढ़ वर्ष के थे। इसके बाद उनकी मां उनको लेकर अपने पिताजी के घर चली गई थी ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री का लालन पोषण उनके नाना के घर में हुआ था। उन्होंने अपने प्राथमिक शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल से पूरा किया था। उसके उपरांत वह आगे की पढ़ाई करने के लिए वाराणसी चले गए। जहां पर उन्होंने काशी विद्यापीठ से संस्कृत में स्नातक की डिग्री प्राप्त किया था। 1928 में, उनका विवाह ललिता देवी से हुआ। उन्होंने दहेज लेने से इनकार कर दिया क्योंकि वे वर्तमान “दहेज प्रणाली” से असहमत थे। लेकिन अपने ससुर के लगातार कहने के बाद, उन्होंने दहेज के रूप में केवल पांच गज खादी लेना स्वीकार किया था। लाल बहादुर शास्त्री के 6 संताने थी।
लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा | Lal Bahadur Shastri Education
Lal Bahadur Shastri Education:- लाल बहादुर शास्त्री की प्राथमिक शिक्षा मिर्जापुर से पूरा किया है इसके बाद उन्होंने उसके बाद की शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की इसके बाद काशी विद्यापीठ से उन्होंने संस्कृत में स्नातक की डिग्री उन्होंने हासिल किया | काशी विद्यापीठ से ही उन्हें शास्त्री की उपाधि मिली थी | जिसके बाद उन्होंने अपने जाति सूचक शब्द श्रीवास्तव को अपने नाम से हटाकर शास्त्री कर लिया था तभी से उन्हें लाल बहादुर शास्त्री कहा जाने लगा |
लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री | Lal Bahadur Shastri As Prime Minister
Lal Bahadur Shastri As Prime Minister :- 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उन्हें देश का दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया हम आपको बता दें कि उन्होंने अपने पहले मीडिया प्रेस वार्ता में कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता देश में खाद्य समस्या को हल करना है | ताकि गरीब लोगों को खाने का अनाज मिल अपने इस प्रयास में लाल बहादुर शास्त्री सफल हुए थे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल काफी कठिन रहा था | क्योंकि इस समय देश में कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई थी। एक तरफ पाकिस्तान ने भारत के ऊपर हमला कर दिया था और दूसरी तरफ देश में कुछ पूंजीवादी लोग थे जो देश के ऊपर अपना वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहे थे। इन दोनों कठिन चुनौतियों का सामना उन्होंने डटकर किया था। जब पाकिस्तान ने भारत के ऊपर हमारे हमला किया तो भारत के तीनों इंडियन फोर्स के के साथ के साथ राष्ट्रपति ने आपात बैठक बुलाई इस बैठक में लाल बहादुर शास्त्री सम्मिलित हुए तब उन्होंने इंडियन फोर्स के प्रमुख अधिकारियों ने लाल बहादुर शास्त्री कहा कि सर क्या आदेश है? उन्होंने कहा कि आप देश की रक्षा कीजिए और हमें क्या करना है आप हमें बताएं शास्त्रीजी ने इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और जय जवान-जय किसान का नारा दिया।
इससे भारतीय वासियों का मनोबल बड़ा और पूरा देश एकजुट हो गया। हम आपको बता दे की भारत पाक के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था | इसके बाद अमेरिका ने भारत के ऊपर दबाव बनाया कि वह युद्ध विराम करें | इसके बाद शास्त्री जी को को ताशकंद बुलाया गया जहां पर भारत और पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता होना था जिसके मुताबिक भारत ने जो भी युद्ध में जीता था | वह पाकिस्तान को वापस करें शास्त्री जी ने साफ तौर पर मना कर दिया | और कहा कि वह सभी शर्तों को करने के लिए तैयार हैं लेकिन यह शर्त नहीं मानेंगे’ लेकिन अमेरिका ने भारत के ऊपर इतना दबाव बनाया की शास्त्री जी को आखिर में ताशकंद समझौता करना पड़ा था | परंतु उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि उनके बाद जो भी प्रधानमंत्री आएगा वही पाकिस्तान को वह क्षेत्र लौट आएगा जो हमने 1965 के युद्ध में जीता है ताशकंद समझौते के तुरंत बाद उनकी मौत हो गई थी हालांकि हम आपको बता दें कि उनकी मृत्यु आज भी एक रहस्य है | उनके पत्नी का आरोप था कि उन्हें जहर देकर मारा गया है।
Lal Bahadur Shastri History (लाल बहादुर शास्त्री इतिहास)
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद और माता का नाम रामदुलारी देवी था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। लाल बहादुर शास्त्री केवल 1 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया। उनकी मां रामदुलारी देवी उन्हें और उनकी दोनों बहनों को अपने पिता के घर चली गई जहां पर लाल बहादुर शास्त्री का लालन पोषण हुआ। लाल बहादुर शास्त्री ने 1926 में काशी विद्यापीठ से प्रथम श्रेणी की डिग्री के साथ स्नातक डिग्री प्राप्त किया 1928 में उनका विवाह ललिता देवी के साथ हुआ। उनके बच्चों का नाम कुसुम, हरि कृष्ण, सुमन, अनिल, सुनील और अशोक था। 1947 में जब देश आजाद हुआ और देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने तो उनके कैबिनेट में लाल बहादुर शास्त्री को परिवहन और गृह मंत्रालय का पोर्टफोलियो मिला। 1952 में उन्हें रेल मंत्रालय भी दिया गया था। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। उनके कार्यकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध लड़ा गया था। जहां पर भारत को जीत हासिल हुई थीं 11 जनवरी 1966 को रूस के ताशकंद में दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी।
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुई थी। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करने वाले शांति संधि पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में उनकी मृत्यु हो गई। मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया लेकिन शास्त्री परिवार ने दावा किया कि मौत का कारण जहर था। उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मानित किया गया और विजय घाट स्मारक का नाम उनके नाम पर रखा गया।
लाल बहादुर शास्त्री के जीवन की घटनाएं
- शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें गाड़ी दी गई थी एक बार उनका बेटा गाड़ी लेकर कहीं बाहर चला गया जब वापस आया तो साथी जी ने पूछा की गाड़ी लेकर कहां गए थे तो बेटे ने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ घूमने गए थे इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने ने अपने बेटे से कहा कि अगर तुम्हें कहीं भी जाना है तो सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल न करें इतना ही नहीं सासु जी ने ड्राइवर से पता किया की गाड़ी कितने किलोमीटर चली है उसके अनुसार उसे उन्होंने गाड़ी का किराया राजकोषीय फंड में जमा करवा दिया था |
- लाला लाजपतराय ने आजादी की लड़ाई लड़ रहे गरीब देशभक्तों के लिए सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी बनायीं जो देश के गरीब लोगों को ₹50 की आर्थिक सहायता दी थी ताकि उनके घर के परिवार का आर्थिक गुजारा हो सके एक बार लाल बहादुर शास्त्री ने जेल से अपनी पत्नी को पत्र लेकर पूछा कि तुम्हें पैसे ₹50 मिल रहे हैं कि नहीं पत्नी ने कहा कि हां ₹50 मिल रहे हैं उनमें से ₹40 घर के खर्चे में चल जाता है और ₹10 बच जाते हैं इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने सर्वेंट आफ इंडिया सोसाइटी को पत्र लिखकर जानकारी दी की ₹40 में उनका घर का खर्च चल जा रहा है इसलिए उन्हें 50 की जगह ₹40 दिया जाए ताकि बाकी का पैसा दूसरे गरीब देशभक्तों को दिया जाए ताकि उनको भी आर्थिक मदद मिल सके |
- शास्त्री जी जब प्रधानमंत्री थे और उन्हें मीटिंग के के लिए कहीं जाना था लेकिन उनका कुर्ता फटा हुआ था इस पर उनके परिवार के लोगों ने कहा कि आप नया कुर्ता क्यों नहीं लेते हैं शास्त्री जी ने कहा कि हमारे देश में लाखों ऐसे गरीब लोग हैं जिनके पास पहनने के कपड़े नहीं है ऐसे में नया कुर्ता लेकर फिजूल खर्च क्यों करना मैं इस फटे हुए कुर्ता को भी कुछ दिन चला लूंगा |
लालबहादुर शास्त्री जयंती पर नारे, कोट्स और अनमोल विचार
लाल बहादुर शास्त्री की उपलब्धियां (Lal Bahadur Shastri Achievements)
- भारत के खाद्य समस्या को हल करने के लिए उन्होंने 1965 में भारत में हरित क्रांति को बढ़ावा दिया |
- भारत-पाकिस्तान युद्ध का दौरान उन्होंने देश का कुशल नेतृत्व किया जिसके कारण भारत को युद्ध में जीत हासिल हुई
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया था |
- शास्त्री जी 1920 में ‘भारत सेवक संघ’ मैं सम्मिलित होकर भारत की स्वतंत्रता में उन्होंने अपना योगदान दिया
- कई प्रकार के स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित होने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था
- 1947 में पुलिस एवं परिवहन मंत्री भी बने। इसके बाद उन्होंने पहली बार बस में महिला कंडक्टर की नियुक्ति की
- 1964 में देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने |
- मृत्यु के उपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु कब और कैसे हुई थी (Lal Bahadur Shastri Death Reason)
Lal Bahadur Shastri Death Reason:- लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुई थी। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करने वाले शांति संधि पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में उनकी मृत्यु हो गई। मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया लेकिन शास्त्री परिवार ने दावा किया कि मौत का कारण जहर था। उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मानित किया गया और विजय घाट स्मारक का नाम उनके नाम पर रखा गया।
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लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि यदि आपके अंदर कुछ करने का जज्बा और लक्ष्य हो तो आप जीवन के किसी भी सपने को पूरा कर सकते हैं क्योंकि जो व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्य को पहचानता है और उसे किस प्रकार पूरा करना है उसके बारे में योजना बनाते हैं यकीनन उसे सफलता प्राप्त होती है इसलिए हम कह सकते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री का जीवनी हमारे लिए पहनना का स्रोत है और आप उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं
Essay On lal Bahadur Shastri (लाल बहादुर शास्त्री जी पर निबंध)
प्रस्तावना
लाल बहादुर शास्त्री उन प्रमुख भारतीय नेताओं में से एक हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और कई अन्य लोगों को इस संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। 2 अक्टूबर 1904 को जन्मे, वह अपने शुरुआती 20 साल की उम्र में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए।वह गांधीवादी विचारधारा से बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने उसी रास्ते पर चलने का फैसला किया। उन्होंने विभिन्न स्वतंत्रता आंदोलनों को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी के साथ हाथ मिलाया। उन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया और साहसपूर्वक संघर्ष किया। भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराना उनका एकमात्र लक्ष्य बन गया था और उन्होंने गांधी जी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समर्पित रूप से काम किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा और उन्होंने कुल नौ साल कारावास में बिताए। हालाँकि, इससे उनके जज्बे में कोई कमी नहीं आई और वे उतनी ही लगन से लड़ते रहे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय, जो अब उत्तर प्रदेश में दीन दयाल उपाध्याय नगर है, में उनके नाना के घर पर हुआ था। शास्त्रीजी के पिता, शारदा प्रसाद श्रीवास्तव, शुरू में एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम करते थे और बाद में उन्होंने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में राजस्व विभाग में लिपिक की नौकरी हासिल की।
हालाँकि शास्त्रीजी के पिता को उप-तहसीलदार के रूप में पदोन्नत किया गया था, लेकिन अप्रैल 1906 में ब्यूबोनिक प्लेग के कारण उनकी असामयिक और दुखद मृत्यु से परिवार की खुशियाँ कम हो गईं। उस समय तक शास्त्रीजी दो बच्चों में छोटे थे; 1900 में जन्मी कैलाशी देवी उनकी बड़ी बहन थीं। उनकी मां रामदुलारी देवी भी अपने तीसरे बच्चे से गर्भवती थीं.
शास्त्रीजी की मां रामदुलारी देवी तब मुगलसराय में अपने पिता मुंशी हजारी लाल के घर चली गईं थीं। वह मुगलसराय में रेलवे स्कूल में हेडमास्टर थे।
शास्त्री जी की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज और हरिश्चंद्र हाई स्कूल में हुई।
राजनीतिक करियर
हरिश्चंद्र कॉलेज में पढ़ते समय शास्त्री जी अपने एक शिक्षक निष्कामेश्वर प्रसाद मिश्र की देशभक्तिपूर्ण सोच से अत्यधिक प्रभावित हुए। उनके प्रभाव में, शास्त्रीजी ने महात्मा गांधी, एनी बेसेंट और स्वामी विवेकानन्द जैसे राष्ट्रवादी नेताओं और आध्यात्मिक गुरुओं के जीवन के बारे में पढ़ना शुरू किया।
जब शास्त्रीजी दसवीं कक्षा में थे, तब उन्होंने जनवरी 1921 में महात्मा गांधी और पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में भाग लिया। बैठक में, महात्मा गांधी ने जनता और युवाओं से असहयोग आंदोलन में शामिल होने की अपील की। इस प्रकार शास्त्री जी ने स्कूल छोड़ दिया और एक स्वयंसेवक के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये।
बाद में शास्त्री जी ने 1925 में काशी विद्यापीठ से दर्शनशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह सर्वेंट्स ऑफ द पीपल सोसाइटी के आजीवन सदस्य के रूप में भी शामिल हुए। यह लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी सामाजिक सेवा संगठन था।
धीरे-धीरे हरिजनों और वंचितों की भलाई के लिए किए गए अपने कार्यों के कारण शास्त्रीजी महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी बन गए।
शास्त्री जी द्वारा संभाले गए कुछ राजनीतिक पद नीचे दिए गए हैं –
पुलिस एवं परिवहन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार। | Year |
रेल मंत्री | 1951-1956 |
गृह मंत्री | 1961-1963 |
विदेश मंत्री | जून 1964-जुलाई 1964 |
भारत के प्रधान मंत्री | जून 1964-जनवरी 1966 |
मृत्यु (Death)
शास्त्री जी की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में हुई, जो उस समय यूएसएसआर में था। एक दिन पहले उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करते हुए एक शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके बाद हुई मेडिकल जांच से पता चला कि शास्त्रीजी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन उनकी मौत से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में कई लोग आज तक मानते हैं कि उन्हें उनके भारतीय राजनीतिक विरोधियों ने जहर दिया था। उनका दावा है कि यह उन्हें भारत के प्रधान मंत्री पद से हटाने की एक साजिश थी, जो एकमात्र संभव तरीका था क्योंकि वह बेहद लोकप्रिय थे।
भारत सरकार द्वारा शास्त्री जी की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज़ कभी भी सार्वजनिक नहीं किये गये। आज तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शास्त्रीजी के शव का कोई पोस्टमार्टम किया गया था या नहीं। दिल्ली पुलिस का यह दावा कि उनके पास शास्त्रीजी की मौत की कोई दस्तावेजी रिपोर्ट नहीं है, विवाद और गहरा गया है.
लाल बहादुर शास्त्री ने हमारे देश के लिए क्या क्या किया?
उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया। उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इतिहासकारों का मानना है कि लाल बहादुर शास्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मुकाबले काफी दूरदर्शी राजनेता थे उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व क्षमता से 1965 के युद्ध में भारत को जीत दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी |
शास्त्री जी के जीवन का संदेश क्या है?
शास्त्री जी के जीवन का संदेश यह है : ‘कर्म के प्रति अटल आस्था और संपूर्ण समर्पण।
निष्कर्ष:
लाल बहादुर शास्त्री एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ और प्रधानमंत्री थे। उनकी ईमानदारी और सरल जीवनशैली के कारण लाखों लोग उन्हें प्यार करते थे और उनका सम्मान करते थे। जब उनकी मृत्यु हुई, तो उन्होंने एक ऐसा शून्य छोड़ दिया जिसे कभी नहीं भरा जा सका।
FAQ’s: Lal Bahadur Shastri Biography in Hindi
Q. शास्त्री जी के प्रमुख नारा क्या था?
Ans. शास्त्री जी के प्रमुख नारा जय जवान जय किसान।
Q. लाल बहादुर शास्त्री का पहला नाम क्या है?
Ans. लाल बहादुर शास्त्री का पहला नाम लाल बहादुर वर्मा था।
Q. लाल बहादुर शास्त्री क्यों प्रसिद्ध थे?
लाल बहादुर शास्त्री प्रसिद्ध थे क्योंकि वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
Q.भारत देश का दूसरा प्रधानमंत्री कौन है?
Ans.भारत देश का दूसरा प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे।
Q.लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म कब हुआ था।
Ans.लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश राज्य के मुगलसराय में हुआ था।
Q.1965 की भारत एवं पाकिस्तान युद्ध के समय भारत का प्रधानमंत्री कौन था?
Ans.1965 की भारत एवं पाकिस्तान युद्ध के समय भारत का प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे।
Q.भारत में शांति का पुरुष किन्हे कहा जाता है?
Ans.भारत में शांति का पुरुष लाल बहादुर शास्त्री जी को कहा जाता है।
Q . लाल बहादुर शास्त्री जी के बचपन का नाम क्या था?
Ans . लाल बहादुर वर्मा