ओणम कब है 2022 | ओणम कब और कहां मनाया जाता है

By | सितम्बर 2, 2022

दक्षिण भारत में ओणम त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता हैं। यह त्यौहार दक्षिण भारत के केरल राज्य में मुख्य रूप से मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से किसानों का त्योहार है जो फसल और अच्छी मौसम की शुक्रियादा व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। अगर आप जानना चाहते है की ओणम कब है तो हम आपको बता दें इस साल यह त्यौहार 30 अगस्त 2022 से 8 सितंबर 2022 तक पूरे केरल में धूमधाम से मनाया जाएगा। आज इस लेख में हम Onam Festival 2022 के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे तथा समझने का प्रयास करेंगे की दक्षिण भारत का सबसे बड़ा त्यौहार क्यों है।

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जैसा कि हमने आपको बताया ओणम दक्षिण भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है जिसे बड़े हर्षोल्लास के साथ 10 दिनों तक केरल राज्य में मनाया जाता है। यह त्यौहार हिंदू धर्म की पौराणिक कथा राजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार से जुड़ी हुई है। आज हम इसके बारे में भी विस्तार पूर्वक बताते हुए आपको ओणम त्योहार के बारे में जानकारी देने जा रहे है।

Onam Festival 2022

त्यौहार का नामOnam Festival 2022
उद्देश्यओणम का त्योहार सावन के मौसम में हुए अच्छी बारिश और राक्षस राजा बलि के आगमन पर मनाया जाता है 
कब है30 अगस्त 2022 से 8 सितंबर 2022 तक
क्यों मनाते हैराजा बलि के आगमन पर
कहां मानते हैभारत के केरल राज्य में

ओणम का अर्थ क्या है?

ओणम का अर्थ सावन होता है। यह त्यौहार जिस महीने में आता है उस महीने को सावन कहते है। यह सावन महीने का वह खास दिन होता है जिस दिन बहुत वर्षा होती है और इस सावन महीने में हुई वर्षा के कारण फसल काफी अच्छी होती है इस वजह से अपने राजा बलि और भगवान विष्णु को शुक्रियादा व्यक्त करने के लिए ओणम का त्योहार मनाया जाता है। 

ओणम बहुत ही पुराना शब्द है जिसका इस्तेमाल दक्षिण भारत में लिखे गए कुछ ग्रंथों में भी किया गया है। यह शब्द भगवान के महीने को दर्शाता है। सरल शब्दों में हमेशा समझ सकते हैं कि बारिश के दिनों में फसल बहुत अच्छी होती है जिस वजह से केरल राज्य में हर जगह खुशी का माहौल होता है इसके लिए अपने परमात्मा को शुक्रिया व्यक्त करने के लिए बारिश के मौसम को ओणम के नाम से संबोधित किया जाता है और इस नाम से एक त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

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ओणम कब और कहां मनाया जाता है?

ओणम एक बहुत प्रचलित त्यौहार है जिसे बड़े हर्षोल्लास के साथ दक्षिण भारत के केरल राज्य में मनाया जाता है। केरल राज्य में यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ है हर साल 10 दिनों तक मनाया जाता है। सावन महीने में जब बारिश बहुत अच्छी होती है और इसी वर्षा के साथ फसलों की उपज अच्छी होती है और यह बरसात या सावन का महीना जब खत्म होने लगता है तब अच्छी फसल होने के कारण अपने देवता को शुक्रिया व्यक्त करने के लिए ओणम का त्यौहार मनाया जाता है। 

ओणम का त्यौहार हर साल सावन महीने के अंत में मनाया जाता है। यह त्यौहार कुल 10 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें अलग-अलग तरह के पकवान बनते हैं और घरों को फूल से सजाया जाता है। दक्षिण भारत में इस त्यौहार का इतना अधिक महत्व है कि पूरी दुनिया से लोग इस त्यौहार को देखने के लिए आते है।

ओणम का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

ओणम का त्यौहार मनाने के पीछे एक पौराणिक परंपरा चली आ रही है। जिसके अनुसार बहुत पहले राक्षसों के राजा बलि अलग-अलग प्रकार के अनुष्ठान करवाते थे जिससे देवताओं को काफी तकलीफ होती थी। जब भगवान इंद्र को राजा बलि के अनुष्ठान से तकलीफ होने लगी तो उन्होंने भगवान विष्णु से मदद की गुहार लगाई। हालांकि राजा बलि एक अच्छे राक्षस राजा थे जो अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखते थे और केरल राज्य की पूरी बजा उनसे बहुत प्यार करती थी। इस वजह से भगवान विष्णु ने राजा बलि से प्रत्यक्ष रूप से लड़ाई करना सही नहीं समझा और वामन अवतार लेकर एक ब्राम्हण भेष में उनके घर गए।

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वहां उन्होंने राजा बलि से कुछ भिक्षा मांगने की बात कही। जिस पर राजा बलि ने अकड़ती हुए कहा कि आपकी हर इच्छा पूरी की जाएगी और इसी वक्त वामन अवतार ने तीन पग जमीन मांगा, राजा बलि के आदेश पर वामन अवतार ने पहले ही कदम में पूरी धरती को नाप दिया और दूसरे कदम में पूरे आकाश को नाप दिया और उसके बाद राजा बलि से कहा कि अपनी आज्ञा अनुसार मुझे तीसरा पग रखने की जगह बताइए। राजा बलि अपने वचनों के बड़े पक्के थे इस वजह से उन्होंने वामन अवतार को उनके तीसरा पग को अपने शीश पर ले लिया। जिस वजह से राजा बलि पाताल लोक में समा गए।

Onam 20022

इस घटना पर केरल की सभी प्रजा बहुत दुखी हुई और भगवान से लड़ने लगी। भगवान को राजा बलि का व्यक्तित्व बहुत पसंद आया जिस वजह से उन्होंने केरल की प्रजा को यह आश्वासन दिया इस साल में 10 दिन के लिए राजा बलि आप लोगों के साथ आकर रह सकते है। ऐसी मान्यता है कि पूनम का त्यौहार इसी खुशी में मनाया जाता है क्योंकि इसी पावन दिन पर केरल के सबसे प्रिय राजा बलि 10 दिनों तक उनके बीच रहते है और उनकी सभी परेशानियों का निराकरण करते है। 

ऐसी मान्यता है कि राजा बलि के आगमन की वजह से फसल बहुत अच्छी होती है और इस वजह से राजा बलि के आगमन के लिए लोग अपने घरों को फूल से सजाते हैं और रास्तों को साफ सुथरा करते हैं। एक ऐसा त्यौहार जहां सब अपने आसपास के इलाके को साफ करते है, और घर में 10 दिन तक अलग-अलग तरह के पकवान राजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार के लिए बनाया जाता है। यह देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। 

ओणम का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

जैसा कि हमने आपको बताया ओणम का त्यौहार बड़े धूमधाम से 10 दिनों तक केरल राज्य में मनाया जाता है। इस दिन केरल राज्य के अलग-अलग घर में अलग-अलग तरह के पकवान बनते है मुख्य रूप से दूध के 18 पकवान बनाने की परंपरा है। इसमें पचड़ी,रसम, पुलीसेरी, एरीसेरी, खीर और अवियल आदि जैसे स्वादिष्ट पकवान भी शामिल है। अपने प्रमुख राजा बलि के स्वागत के लिए लड़कियां विभिन्न प्रकार के नृत्य प्रतियोगिता आयोजित करवाती है। लड़के सड़क पर शेर चीता भालू जैसे कपड़े पहन कर आपस में लड़ाई करते है। 

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घर की औरतें इस दिन घरों को फूल से सजाती हैं दरवाजे पर रंगोली बनाती है और दीपक से घर को सजाया जाता है। इसके अलावा अपने राजा बलि के लिए अलग-अलग तरह की प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है जैसे नौका दौड़ भैंस और बैल दौड़। इतने साफ-सुथरे तरीके से और इतने अलग-अलग तरह के प्रतियोगिता को आयोजित करके यह त्यौहार मनाया जाता है कि देश-विदेश से लोग इस त्यौहार को देखने के लिए केरल राज्य आते हैं।

FAQ Onam Festival 2022

Q. ओणम का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

ओणम का त्योहार केरल राज्य में राक्षस और राजा बलि के स्वागत के रूप में मनाया जाता है। मुख्य रूप से यह किसानों का त्योहार है जो सावन के महीने में हुए अच्छे फसल का संकेत देती है।

Q. ओणम के त्यौहार में किसकी पूजा की जाती है?

ओणम के त्यौहार में राक्षस राजा बलि और विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। 

Q. ओणम का त्योहार कैसे मनाते हैं?

केरल में ओणम का त्यौहार हर साल 10 दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है यह केरल में हुई वर्षा की खुशी में मनाया जाता है जिसमें 18 तरह के दूध से बने व्यंजन खाए जाते हैं और अलग-अलग तरह की प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है। 

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने आपको बताया कि ओणम कब है और किस प्रकार यह पावन त्यौहार हर्षोल्लास के साथ है केरल राज्य में 10 दिनों तक मनाया जाएगा। ओणम का त्योहार कब है और कैसे मनाया जाता है इसके बारे में अगर आप विस्तार पूर्वक समझ पाए हैं तो इस लिंक को अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझावों विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में बताना ना भूले। 

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